झांसी न्यूज डेस्क: झांसी में एक बिजली कर्मचारी के साथ बड़ा हादसा हो गया, जिससे उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले का रहने वाला कालीचरण, झांसी की रामराजा सोलर पावर कंपनी में काम करता था। कंपनी को प्रतापगढ़ जिले में सोलर प्लांट लगाने का ठेका मिला था, जिसके लिए कालीचरण को वहां भेजा गया। 29 अक्टूबर को काम के दौरान वह 11 हजार वोल्ट की बिजली की लाइन की चपेट में आ गया, जिससे उसके दोनों हाथ बुरी तरह झुलस गए। उसे तुरंत इलाज के लिए इलाहाबाद के कैंटोमेंट जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कहा कि लंबा इलाज चलेगा लेकिन उसके हाथ ठीक हो सकते हैं, हालांकि खर्च एक लाख रुपये से ज्यादा आएगा।
कालीचरण का आरोप है कि इलाज का खर्च बचाने के लिए उसके मालिक ने उसे 31 अक्टूबर को झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाने का फैसला किया। वहां के डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि घाव ज्यादा गहरा हो गया है और दोनों हाथ काटने पड़ेंगे। जब मालिक ने यह बात बताई तो कालीचरण ने इसका विरोध किया, क्योंकि इलाहाबाद के डॉक्टरों ने हाथ बचाने की बात कही थी। लेकिन मालिक ने उसकी पत्नी को समझाते हुए वादा किया कि परिवार की पूरी जिम्मेदारी उठाएगा। उसे रहने के लिए मकान, हर महीने सैलरी और बच्चों के खर्च की गारंटी दी गई। बार-बार समझाने के बाद कालीचरण आखिरकार हाथ कटवाने के लिए तैयार हो गया और डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसके दोनों हाथ हटा दिए।
ऑपरेशन के बाद ठेकेदार ने उसे घर छोड़ दिया और हर महीने पैसे भेजने का भरोसा दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद मालिक का रवैया बदल गया। अब न तो वह फोन उठा रहा है और न ही कालीचरण से मिलने आ रहा है। घायल होने के बाद से वह किसी भी तरह के काम के लायक नहीं बचा है, जिससे उसका परिवार सड़क पर आ गया है। उसकी पत्नी और दो बच्चों की जिम्मेदारी उठाने वाला अब कोई नहीं है, जबकि जिस मालिक ने बड़े-बड़े वादे किए थे, वह अब उसे पहचानने तक को तैयार नहीं है।
थक-हारकर कालीचरण ने झांसी के थाने में शिकायत दर्ज कराई और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उसका कहना है कि मालिक ने झूठे वादे कर उसके हाथ कटवा दिए और अब उसे बेसहारा छोड़ दिया। दो बच्चों और पत्नी का पेट पालने के लिए उसके पास कोई साधन नहीं बचा, जिससे वह मानसिक रूप से टूट चुका है। उसने कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।